Siyaram sharan gupt biography of williams

सियारामशरण गुप्त

सियारामशरण गुप्त (जन्म: 4 सितंबर, 1895; मृत्यु: 29 मार्च 1963) हिन्दी के साहित्यकार थे। वे प्रसिद्ध हिन्दी कवि मैथिलीशरण गुप्त के अनुज थे।[1]

जीवनी

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सियारामशरण गुप्त का जन्म सेठ रामचरण कनकने के परिवार में चिरगाँव, झांसी में हुआ था। प्रारम्भिक शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने घर में ही गुजराती, अंग्रेजी और उर्दू भाषा सीखी। सन् 1929 ई.

में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और कस्तूरबा गाँधी के सम्पर्क में आये। कुछ समय वर्धा आश्रम में भी रहे। सन् 1940 में चिरगांव में नेताजी सुभाषचन्द्र बोस का स्वागत किया। वे सन्त विनोबा भावे के सम्पर्क में भी आये। उनकी पत्नी तथा पुत्रों का निधन असमय ही हो गया था अतः वे दु:ख वेदना और करुणा के कवि बन गये। 1914 में उन्होंने अपनी पहली रचना मौर्य विजय लिखी। सन् १९१० में इनकी प्रथम कविता 'इन्दु' प्रकाशित हुई।[2]

साहित्य सेवा

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चिरगाँव (झाँसी) में बाल्यावस्था बीतने के कारण बुन्देलखण्ड की वीरता और प्रकृति सुषमा के प्रति उनका प्रेम स्वभावगत था। घर के वैष्णव संस्कारों और गांधीवाद से गुप्त जी का सियारामशरण गुप्त का जीवन परिचय | हिन्दवी MOSAW